
आओ मनाएं लोहड़ी का पर्व कन्या बचाओ संकल्प के संग:- स्वामी विज्ञानानंद जी।*
*सहारनपुर* (12 जनवरी 2025)
सतीश सेठी /ब्यूरो चीफ सनसनी सुराग न्यूज़ सहारनपुर
*दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान* द्वारा स्थानीय *पंचवटी गार्डन* में *लोहड़ी और मकर संक्रांति* का पावन पर्व संस्थान के सामाजिक प्रकल्प *संतुलन* के अंतर्गत *कन्या बचाओ अभियान* के तहत बहुत ही धूम धाम से मनाया गया। जिसमें गुरुदेव *श्री आशुतोष महाराज जी* के शिष्य *स्वामी विज्ञानानंद जी* जी ने बताया कि जरूरी नहीं कि चिरागों से ही घर में रोशनी हो बेटियां भी घर में उजाला करती हैं। आज समाज में कन्या भ्रूण हत्या की जो समस्या है वह बढ़ती चली जा रही है बेटे की चाहत में एक बेटी को मां के पेट में ही मार दिया जाता है नवरात्र के दिनों में तो एक कन्या की पूजा की जाती है परन्तु वही कन्या जब जन्म लेकर घर में आती है तो उसे अपनाया ही नहीं जाता,और बहुत सारी नारियां तो ऐसी है जो पेट में ही उस बेटी को मरवा डालती हैं,यह बहुत बड़ी इस समाज की त्रासदी है। बेटे को बुढ़ापे की लाठी माना जाता है परंतु वही बेटा जब बड़ा होता है तो अपने मां बाप को एक वृद्ध आश्रम में छोड़ आता है, क्योंकि मां-बाप को यह लगता था कि बेटा जब युवा हो जाएगा, तो हमारा ध्यान रखेगा परंतु बेटी के बारे में ऐसा कभी सोचा ही नहीं जाता। आज समाज में ऐसी बेटियां भी हैं जो अपने मां-बाप को बुढ़ापे में सहारा देती हैं आज समाज में नारी किसी पर निर्भर नहीं है,वह आत्म निर्भर है। अपने पांव पर खड़ी है इसलिए अपने मां-बाप की देखरेख भी कर सकती है उनका भरण पोषण भी वह आज कर सकती है। चाहे आज समाज ने बहुत उन्नति की है परंतु फिर भी मानसिक स्तर पर एक व्यक्ति ने उन्नति नहीं की, हम कहते एक नारी को पुरुष के बराबर का स्थान समाज में दिया जाता है परंतु फिर भी कहीं ना कहीं नारी को घर के पड़े पायदान की तरह ही समझा जाता है। इतिहास की बहुत सारी नारियों का वर्णन हमारे ग्रंथों में है जिन्होंने ना केवल गृहस्थ, राजनीतिक एवं अध्यात्मिकता के शिखर को प्राप्त किया है। चाहे मीराबाई की बात करते हैं चाहे हम अहिल्याबाई होलकर जी की बात करते हैं, चाहे झांसी की रानी मणिकर्णिका की, संघर्षों से गुजरते हुए इन नारियों ने इस समाज को बता दिया कि नारी सब कुछ कर सकती है। नन्ही नन्ही बच्चों ने बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियों के माध्यम से आए हुए गणमान्य लोगों को बहुत ही गूढ़ संदेश दिया। कार्यक्रम में *साध्वी अंबालिका भारती, सोमप्रभा भारती व पूजा भारती* ने सुंदर भजनों का गायन कर सब का मार्गदर्शन किया किया।
कार्यक्रम के अंत में *सारी संगत ने साध्वी बहनों के साथ अलाव जलाकर कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा जैसी कुरीतियों को जलाने का सामूहिक संकल्प भी लिया।* 🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀