सतीश सेठी ब्यूरो चीफ सहारनपुर सनसनी सुराग न्यूज़ दिव्य ज्योति जागृती संस्थान द्वारा शिव कथा का समापन दिवस


कथा के पंचम दिवस में साध्वी ब्रह्म निष्ठा भारती जी ने कथा के पंचम दिवस में बताया कि मनुष्य जीवन भर रजगुण सत्वगुण और तमोगुण इन तीनों ही गुणों के पाश में बंधा रहता है,और त्रिविध ताप से संतृप्त रहता है। भगवान् शिव की भक्ति उन्हें इन तीनों तापों से से विमुक्त कर देती है। कथा के दौरान साध्वी जी ने बताया कि भगवान् शिव की पूजा के नाम पर लोग भांग इत्यादि का सेवन करते हैं। जबकि भगवान् शिव ने तो प्रभु के नाम का नशा किया था। उन्होंने अज्ञानता का नाश किया था, ध्यान का नशा किया था। लेकिन अज्ञानता के कारण समाज में फैली इन कुरीतियों से आज का युवा वर्ग अपनी भारतीय संस्कृति से विमुख हो चुका है। और नशे की गर्त में धंधा चला जा रहा है। और समाज की इस कुरीति को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए एक मुहिम चलाई है। जिसके तहत YPSS अर्थात युवा वर्ग सेवा समिति नाम का एक प्रकल्प चलाया है। जिसके अंतर्गत समाज के युवाओं को नशे के गर्त से निकाल कर देश भक्ति की और उन्मुख किया जाता है। आगे कथा में उन्होंने बताया कि किस प्रकार मां पार्वती ने भगवान् शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया और उनकी तपस्या के फल स्वरुप भगवान् शिव उन पर प्रसन्न हुए। और किस प्रकार से भगवान् शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ बड़े ही सुंदर ढंग से इस संपूर्ण प्रसंग का वर्णन किया। और इस प्रसंग के माध्यम से साध्वी जी ने समझाया कि जिस तरह से मां पार्वती और भगवान् शिव का मिलन हुआ। ठीक इसी प्रकार से ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति द्वारा एक जीवात्मा का उसे परमात्मा से मिलन होता है । और जीवात्मा उस परम ब्रह्म में लीन होकर परम आनंद की अनुभूति करती है। और यही मनुष्य के जीवन का लक्ष्य भी है। और इस प्रकार से कथा के मध्य सुमधुर भजन संकीर्तन के द्वारा आए हुए भक्त समाज को आध्यात्मिक विचारों एवं भजन संकीर्तन द्वारा आनंद की अनुभूति प्राप्त हुई। मंच �