अब टीचर्स ऐसे शुरू कर सकेंगे स्टार्टअप कंपनी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के शिक्षक स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम को विद्यार्थियों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए खुद कंपनियां खोलेंगे। संस्थान ने करीब 50 शिक्षकों के लिए कंपनी खोलने की योजना बनाई है। इन कंपनियों में आम लोगों की जरूरत को देखते हुए उपकरण तैयार किए जाएंगे।
आईआईटी के निदेशक डॉ. वी रामगोपाल राव ने बताया कि संस्थान चाहता है कि विद्यार्थियों के बीच स्टार्टअप योजना को सफल बनाने के लिए शिक्षक पहले खुद अपनी कंपनी खोलें। उनके अनुभवों को छात्रों के साथ बांटें, ताकि भविष्य में वे खुद स्टार्टअप शुरू कर सकें।
इससे छात्रों में एंटरप्रिन्योरशिप के प्रति रुझान बढ़ने के साथ इनोवेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। डॉ. राव ने कहा कि इस योजना के तहत दो-तीन वर्षो में करीब 50 शिक्षक अपनी स्टार्टअप कंपनी खोलेंगे।
कंपनियों के कामकाज के लिए कैंपस में ही जगह उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत कंपनी शुरू करने वाले शिक्षक सरकार के साथ निजी क्षेत्र से भी ऋण ले सकते हैं।
500 शिक्षकों की जरूरत
आईआईटी के निदेशक डॉ. वी रामगोपाल राव ने बताया कि हम अपने छात्रों की संख्या को बढ़ाकर दो गुना करना चाहते हैं। विश्वस्तरीय संस्थान की रैंकिंग में ऊपर आने के लिए हमें अभी 500 शिक्षकों की जरूरत होगी। वहीं, विदेशी छात्रों-शिक्षकों की संख्या भी बढ़ानी होगी। आईआईटी दिल्ली में सिर्फ 70 विदेशी छात्र और दस से भी कम विदेशी शिक्षक हैं।
दिसंबर में स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जाएगा
संस्थान के पहले बैच के पास होने का स्वर्ण जयंती समारोह दिसंबर में आयोजित होगा, जिसमें बड़ी संख्या में दुनियाभर से पूर्व छात्र आएंगे। संस्थान ने पूर्व छात्रों से अपील की है कि वे संस्थान के विस्तार, गुणवत्ता बढ़ाने और विश्वस्तरीय बनाने में हर संभव मदद करें।
5 छात्रों पर शिक्षक जरूरी
रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए औसतन पांच छात्रों पर एक शिक्षक आदर्श स्थिति होती है। लेकिन अभी 15 छात्रों पर एक शिक्षक भी नहीं है। यह सब होने पर ही संस्थान विश्व के 100 श्रेष्ठ संस्थानों में आ पाएगा। विश्वजीत कार्यक्रम के तहत सात आईआईटी को विश्वस्तरीय बनाने की सरकार की योजना है।