March 22, 2023

10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाये जाने सम्बन्धी सभी तैयारियाॅ समय से पूर्ण करें : डीएम

अल्मोड़ा
10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाये जाने सम्बन्धी सभी तैयारियाॅ समय से पूर्ण कर ली जाय। यह निर्देश जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने आज जिला कार्यालय के सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी/गैर सरकारी, सहायता प्राप्त, अल्प शिक्षण संस्थान, बालिका निकेतन एंव समाज कल्याण विभाग के संस्थान, आगनबाड़ी केन्द्रों, किशोरी सुधार गृह, अनाथालय में 1 से 19 वर्ष के आयु के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा एलबैन्डाजोल की गोली खिलाई जायेगी। गैर पंजीकृत तथा स्कूल न जाने वाले बच्चों को आशा कार्यकत्रियों द्वारा नजदीकी आगनबाड़ी केन्द्र पर लेकर जायेंगी तथा आगनबाड़ी कार्यकत्रिय द्वारा यह दवा खिलाई जायेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि 10 अगस्त को कोई बच्चा किसी कारणवश दवा लेने से वंचित रह जाता है तो उसे दवा खिलाने का कार्य आगामी 17 अगस्त 2017 को (माॅप अप दिवस) को किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कृमि संक्रमण के कारण बच्चों में खून की कमी, कुपोषण, शारीरिक एवं मानसिक विकास के अवरोध उत्पन्न होता है और उनकी कार्यक्षमता में कमी आती है। कृमि नियंत्रण की दवा खिलाने से खून की कमी में सुधार व पोषण का स्तर बेहतर होता है। कृमि संक्रमण के कारण प्रायः बच्चों में पेट दर्द, उल्टी, दस्त तथा वजन कम होने के लक्षण भी दिखाई देते हैं। उन्होंने बताया कि एलबैन्डाजोल कृमि नियंत्रण हेतु बच्चों और वयस्क दोनों के लिए एक सुरक्षित दवा है इसका उपयोग दुनिया भर में करोड़ो लोगों द्वारा कृमि संक्रमण का इलाज करने के लिये किया जाता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को मनाने के लिये अन्र्तविभागीय समन्वय बनाकर उसे सफल बनाने की कोशिश की जाय और इस बात का ध्यान रखा जाय कि दवाई, दवाई खिलाने की चम्मच, साफ पीने का पानी, गिलास, आपातकालीन फोन नम्बर, उपस्थित रजिस्टर तथा रिर्पोंटिग फार्मेट आवश्यक हो।
इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिये हमें जन जागरूकता अभियान चलाने होंगे। जिलाधिकारी ने जनपद में मातृ मृत्यु दर का एक डाटा तैयार कर उनके कारणों सहित उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसव सुरक्षित ढ़ग से हो इसका विशेष ध्यान रखना होगा इसके लिये ग्रामीण महिलाओं को जागरूक कराना होगा। उन्हें अधिकाधिक चिकित्सालय में प्रसव के लिये प्रेरित करें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो ए0एन0एम0 कार्यरत है वे अपने कार्य स्थल पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें यदि कही से कोई शिकायत प्राप्त होगी तो उसे गम्भीरता से लिया जायेगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विद्यालयों में जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम टीकाकरण का कार्य करें। जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना, एन0आर0एच0एम0, स्वच्छता कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम, आर0बी0एस0 के कार्यक्रम, पोलियो नियंत्रण, डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा आदि कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की और विभाग मेें रिक्त पदों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 ए0के0 सिंह, डा0 सविता हंयाकी, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक प्रकाश वर्मा ने अनेक महत्वपूर्ण जानकारियाॅ स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों की दी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी योगेश पुरोहित ने विभागीय कार्यक्रमों एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाॅ पावर पांइट के माध्यम से प्रस्तुत की। इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी पी0एस0 बृजवाल, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक एच0बी0 चंद, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान नन्द किशोर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रानीखेत डा0 डी0एस0 नेई, दीपक भट्ट, हिमाशु मस्यूनी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।