उत्तरकाशी : 3 अगस्त 2012 की उस काली रात को आज 5 साल हो गए…
3 अगस्त 2012 की भीषण आपदा को कौन भूल सकता है। आज भी वो दिन जब याद आता है तो आँखे नम हो जाती है।
आज इस आपदा को पूरे 5 साल हो गए है। उत्तरकाशी का पूरा नक्शा ही अलग हो गया है।
- Ashish Mishra / INDIA 121
वर्षा एवं बादल फटने से अस्सीगंगा एव भागीरथी की सहायक नदियों मुख्यतः अस्सीगंगा एव स्वारिगाड के उपरी भाग में जल स्तर बढ गया और भागीरथी नदी का जल स्तर बढ कर 1123 से 1127 तक पहुॅच गया जिससे जनपद में व्यापक क्षति हुई थी।
आज ही के दिन 03/04 अगस्त 2012 की रात्रि को
भारी वर्षा के कारण आयी प्राकृतिक आपदा से जनपद के
लगभग 192 ग्रामों की 2383 परिवार प्रभावित हुई थे।
जिसमें निवास करने वाले 12155 की आबादी को इस आपदा से जूझना पडा था।
आपदा में लगभग 71.288 है0 की भूमि प्रभावित हुई थी एवं लगभग 61244.12 लाख की सार्व जनिक
परिसम्पत्तियों का नुकसान हुआ था।
अस्सीगंगा का जल स्तर बढने से ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय
राजमार्ग पर बना गंगोरी पुल पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया था।
जिससे जनपद का सम्पर्क भटवाडी एवं गंगोत्री से पुर्ण रूप से टूट गया था।
अस्सींगगा क्षेत्र में जल विधुत निगम की अस्सीगंगा प्रथम एवं द्वितीय परियोजना को भारी नुकसान हुआ।
इसके3 अतिरिक्त गंगारी में स्थापित अग्निशमन के
कार्यालय एव आवासीय भवन भी बाढ़ में पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया।
जिले में आपदा के कारण कुल 192 ग्रामों में 2383 परिवार प्रभावित हुए थे। जिसमें करीब 12115 की आबादी प्रभावित हुई थी। इस आबादी में 35 लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ी थी।
आज सब काफी हद तक स्थिर हो गया है लेकिन कई गाँव ऐसे हैं जहाँ आज भी लोग आपदा के आंसू रो रहे हैं।
- आपदाओं की कुछ प्रमुख घटनाएं
1. वर्ष 1978 : उत्तरकाशी जिले की कनौड़िया गाड़ में भारी भूस्खलन से उत्तरकाशी शहर को भारी नुकसान। 25 लोग मरे।
2. वर्ष 1980 : उत्तरकाशी के ज्ञानसू कस्बे में बादल फटने से 28 लोगों की मौत व संपति का भारी नुकसान।
3. वर्ष 1991 : उत्तरकाशी जिले में भूकंप से भारी तबाही, करीब 1000 लोगों की मौत व हजारों मकान ध्वस्त।
4. वर्ष 1998 : तत्कालीन चमोली जिले में ऊखीमठ के मनसूना गांव में भूस्खलन से पूरा गांव जमींदोज, 69 लोगों की मौत।
5. वर्ष 1998 : पिथौरागढ़ के मालपा क्षेत्र में भूस्खलन से भारी तबाही, 350 लोगों की मौत।
6. वर्ष 1999 : चमोली जिले में भूकंप से भारी तबाही, चमोली, उत्तरकाशी व टिहरी में करीब 110 लोगों की मौत।
7. वर्ष 2002 : टिहरी में बूढ़ाकेदार के समीप अंगुडा गांव में भारी भूस्खलन से लगभग पूरा गांव तबाह, 28 लोगों की मौत।
8. वर्ष 2003 : उत्तरकाशी में वरुणावत में भारी भूस्खलन से शहर के दर्जनों होटल व अन्य भवन जमींदोज।
9. वर्ष 2012 : उत्तरकाशी जिले में अस्सी गंगा व भागीरथी घाटी में बादल फटने से भारी तबाही, 35 लोगों की मौत, 600 करोड़ की संपति बर्बाद।
10. वर्ष 2012 : रुद्रप्रयाग जिले की ऊखीमठ तहसील में भूस्खलन से भारी तबाही, 76 लोगों की मौत, तीन गांव के दर्जनों मकान जमींदोज।
- By :INDIA 121