दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा जिला कारागार में अपने कारागार बंधी सुधार और पुर्नवास कार्यक्रम


दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा जिला कारागार में अपने कारागार बंधी सुधार और पुर्नवास कार्यक्रम *अन्तरक्रान्ति* प्रकल्प के अंतर्गत कैदी बंधु जनों के चारित्रिक विकास के लिये तीन दिवसीय जाग्रति कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके आज प्रथम दिवस संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी विज्ञानानंद जी ने बताया की किसी भी राष्ट्र की युवा शक्ति उस राष्ट्र की उन्नति का प्रथम एवं सुदृढ़ आधार होती है। युवाओं का अथाह पौरूष, वीर्यवान तेज एवं ओज की सही दिशा उस राष्ट्र की सही दशा की कारक होती है। यदि जगद्गुरु भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र की बात की जाए तो यहाँ पर भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे युवाओं ने क्रान्ति का आगाज़ करके भारत को स्वतंत्रता दिलाई। उसी भारत देश में आज युवा वर्ग की दिग्भ्रमित दिशा उन्हें पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण कर नशा, अवसाद, भ्रष्टाचार, आतंकवाद जैसे कुकृत्यों में संलिप्त कर राष्ट्र को पतन के कागार तक ले जा रही है।
स्वामी जी ने बताया की राष्ट्र भक्ति का मूल आधार आत्म शक्ति की सुसंपन्नता है। यदि “भारत”शब्द पर विचार किया जाये तो “भा और रत” का सुमेल अर्थात प्रकाश में लीन रहने वाला।यहाँ पर आत्मा के प्रकाश की बात की गई है। जो ब्रह्म ज्ञान की शक्ति से आत्म प्रकाश में सदा लीन रहे वही “भारतीय” है। मूलतः इसी आत्म शक्ति की जाग्रति से युवाओं में आत्म विश्वास, आत्म निर्भरता, आत्म संतुष्टि, आत्म उत्कर्षता जैसे सद्गुण आ सकते हैं। जो की युवा वर्ग में क्रान्ति और विश्व में शांति का मूल है।
कार्यक्रम में कारागार अधीक्षिका अमिता दुबे की सहर्ष उपस्थिति रही। कार्यक्रम में स्वामी प्रेमप्रकाशानन्द, कृष्ण कुमारानन्द व महात्मा बलदेव ने देश भक्ति के गीत गाकर कैदी बंधुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत मे कारागर अधीक्षिका ने संस्थान के समाज कल्याण हेतु किये जा रहे सामाजिक कार्यों एवं सामाजिक प्रकल्पों के लिए संस्थान का ह्रदय से आभार व्यक्त किया।