उत्तरकाशी : नगरपालिका में शामिल करने के विरोध में सड़क पर उतरे 16 ग्रामों पंचायतों के ग्रामीण
- INDIA 121 उत्तरकाशी
नगर पालिका परिषद बाड़ाहाट उत्तरकाशी के विस्तारीकरण में शामिल हो रहे 16 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण मुखर होकर विरोध में सड़कों पर उतर आये हैं। ग्रामीणों ने सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में उपस्थित होकर सोमवार को पूरे नगर क्षेत्र में ढोल दमाऊं के साथ के जुलूस निकाला। वहीं जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर प्रदर्शन किया और पालिका परिषद में शामिल किये गये गांवों को बाहर किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये।
गत रविवार को डांग गांव में 16 गांवों के ग्रामीणों तथा जनप्रतिनिधियों की ओर से महापंचायत में लिये गये निर्णय के अनुसार सोमवार को विभिन्न गांवों से सैकड़ों ग्रामीण व जनप्रतिनिधि सुबह काली कामली धर्मशाला में एकत्रित हुए। जहां से सभी ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने ढोल दमाऊ की थाप पर ग्रीन चिपको आंदोलन के बैनर तले जुलूस की शक्ल में मुख्य बाजार होते हुए कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे। जहां पर ग्रामीणों ने जमकर अपना विरोध जताया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भारत गांवों का देश है। गांवों का विकास शहरों में करने से कभी नहीं हो सकता है। गांवों के सुरक्षित रहने से ही देश का भला हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को गांवों को शहरों में शामिल न करके स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट विलेज बनाने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। सभा में ग्रीन चिपको आंदोलन के अध्यक्ष डा. नागेंद्र जगुड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार का ध्यान गांवों के विकास पर कतई नहीं है। सरकार जिले के 16 गांवों को नगर पालिका परिषद में शामिल कर उनका अस्तित्व समाप्त करने पर तुली है,जिसे किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अब सड़कों पर उतर आये है। सरकार ने यदि 16 गांवों को नगर पालिका परिषद मे शामिल करने का निर्णय वापस नहीं लिया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहना होगा। डा. जगुड़ी ने कहा कि गांवों को बचाने के लिये तिरंगे को साथ लेकर ग्रामीण संघर्ष को तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार अपने निर्णय को वापस नहीं ले लेती।
गणेश पुर की प्रधान पुष्पा चौहान ने कहा कि सरकार जन भावना के विपरीत 16 गांवों को पालिका में शामिल कर रही है,जबकि ग्रामीण किसी भी सूरत में पालिका में शामिल नहीं होना चाहते है। उन्होंने सरकार से शीघ्र अपने निर्णय को वापस लेने की मांग की है तथा ऐसा न होने पर आंदोलन को उग्र रूप धारण करने की चेतावनी दी । उन्होंने कहा कि आंदोलन दलगत राजनीति से दूर रखा गया है। यदि कोई व्यक्ति इसे राजनीति का रंग देने का प्रयास करता है तो उसे बर्दास्त नही किया जायेगा।
इस अवसर पर प्रधान रजनी देवी, देवेंद्र गुसांई, प्रताप गुसांई, बीना राणा, अनिता गुसांई, सुलोचना कलूड़ा, बबीता, गजेंद्र नाथ, चतर सिंह विजय नाथ, जयपाल, सुंदर सिंह,वीरेंद्र बिष्ट, मनवीर सिंह, राकेश कलूड़ा,विशेष जगुड़ी आदि प्रमुख लोग शामिल रहे।