उत्तरकाशी : अब बुग्यालों में नहीं बिता पाएंगे रातें….
- उत्तरकाशी
जनपद के बुग्यालों में रात्रि अवस्थान एवं विचरण पूर्ण प्रतिबन्धित होगा। यह बात जिलाधिकारी डा. आषीश चौहान ने मां उच्च न्यायालय के निर्देषों के क्रम में विभागीय अधिकारियों एवं ट्रेकिंग एजेंसिंयों की बैठक लेते हुए कही। उन्होंने कहा कि बुग्यालों में मानव के अत्यधिक आवगामन होने से प्रदूशण होता है वहीं पर्यावरण को भी नुकसान होता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बुग्याल मानव जाति व जीव जन्तु के लिए बहुत बढ़ा इक्कोसिस्टम है बुग्यालों को जीवित रखने के लिए हम सभी को आगे आने की जरूरत है। बुग्याल में जाने वाले ट्रेकर्स रात्रि विश्राम कतई नहीं करेंगे तथा जो भी खाने पीने की वस्तुएं साथ में ले जाएंगे उनके रेपर्स आदि कूड़ा को स्वयं वापस लाना सुनिष्चित करेंगे। ट्रेकर्स एजेंसी के द्वारा बुग्यालों में जाने वाले ट्रेकर्स कूड़ा व गंदगी करते हुए पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
बुग्यालों में कूड़ा कचरा आदि न हो इसके लिए ट्रेकर्स व संबंधित एजेंसियों को भी अपने स्वयं की आदतों मे बदलाव लाना जरूरी होगा।
प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार ने मां उच्च न्यायालय एवं एनजीटी के आदेषों का हवाला देते हुए कहा कि बुग्यालों में रात्रि विश्राम पूर्णतया बंद है। उन्होंने ट्रेकर्स एजेंसियों से कहा कि वे अपने ट्रेकरों को दिन में बुग्यालों का भ्रमण कराएं व रात्रि विश्राम हेतु बुग्यालों से नीचे अन्य उचित स्थानों पर करवाएं। पर्यावरण को बचाने के लिए उन्होंने सभी ट्रेकर्स एजेंसियों से सहयोग की अपील की।
उसके उपरान्त जिलाधिकारी ने नमामि गंगे के तहत किए जा रहें कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यात्रा सीजन का महत्वपूर्ण समय निकल गया है। इसलिए यात्रा रूट के सभी यात्री षैडो व रूटों का सफाई अभियान षीघ्र चलाया जाएगा तथा कूड़े आदि का व्यवस्थित निस्तारण किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों पर ग्राम्य विकास, जिला पंचायत, द्वारा सफाई अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सफाई अभियान गंगोत्री धाम से प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने नमामि गंगे के तहत जनपद में किए जा रहें कार्यो हेतु पूर्व में दिए गए निर्देषों की समीक्षा की। पूर्व अधिषासी अधिकारी बाड़ाहाट को षीघ्र कॉम्पेक्टर लगाने के निर्देष दिए गए थे जिसका अभी तक अनुपालन न करने व प्रगति आख्या न देने पर अधिषासी अधिकारी को प्रतिकूल प्रविश्टी देने के निर्देष दिए। इसके साथ ही गंगा किनारे 20 कमरो से अधिक वाले होटल – मोटल में एसटीपी अनिवार्य कर दिया गया है का सर्वे प्रगति आख्या अभी तक न देने पर चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देष अधिषासी अभियंता गंगा प्रदूशण को दिए।उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत चिन्ह्ति 22 गांव में मनरेगा से डप्टेल कर पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने अधिषासी अभियंता जल संस्थान को षीघ्रता से सीवर संयोजन कराने के निर्देष भी दिए।
बैठक में नमामि गंगे प्रदेष संयोजक रावल हरीष सेमवाल,जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, ईई सिचाई जीवी सिलवाल, ईई जल संस्थान वीएस डोगरा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी प्रकाष खत्री, स्वजल लोकेन्द्र चौहान, मेजर राजेन्द्र सिंह जमनाल सहित ट्रेकर्स एजेंसी आदि उपस्थित थे।