उत्त्तरकाशी : आइना : ग्रामीण बना रहे गंगा भागीरथी पर सेतु
- उत्त्तरकाशी
उत्त्तरकाशी में जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर चंमकोट के ग्रामीणों ने थक हार कर अब प्रसाशन को आइना दिखाया है जहाँ चामकोट के ग्रामीणों की मुसीबत खत्म नहीं हो पा रही है ।
उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के ग्राम चामकोट का है। जो वर्ष 2012 और 2013 की आपदा के कारण पूरी तरह-अलग थलग पड़ गया था।आपको बता दें कि आपदा के छह साल बीत जाने के बाद भी सरकार एवं शासन- प्रशासन स्तर पर पुल निर्माण की कार्यवाही अभी तक अमल में नही आ पाई है। वहीं सरकार के इस लाचार व्यवस्थ को आईना दिखाने के लिए चामकोट के ग्रामीणों ने स्वयं श्रमदान कर लकड़ी का पुल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है।
ये गाँव दिलसौड़ ग्राम सभा में है जो आपदा के बाद अलग पड़ गया था, 2013 की आपदा ने इस गाँव के सभी संपर्क मार्ग खत्म कर दिए थे तब सरकार और प्रसाशन ने आश्वाशन देते हुए 6 माह के लिए वैकल्पिक ट्रॉली का जुगाड़ किया जो 6 साल भी सहारा बना हुआ है। गाँव से होने वाले बेटीयों के रिस्ते और स्कूली बच्चे सोच कर रोज आते जाते हैं कि एक दिन यहाँ पुल बनेगा लेकिन वो दिन कब आएगा इसका जबाब किसी को नहीं पता।
गांव में रह रहे बुजुर्ग गाँव की चार दिवारी तक ही सीमित रह गए है, गाँव से आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों ने पलायन कर दिया है। इन सब से परेशान होकर गांव को जब ये लगा कि अब सुध कोई नहीं लेगा तो ग्रामीणों ने खुद से राम सेतु की तर्ज पर गंगा भागीरथी में सेतु का निर्माण शुरू कर दिया है। जो शाशन प्रसाशन को आइना दिखा रहा है।
चामकोट के सभी ग्रामीण गांव के नीचे स्थित भागीरथी नदी के तट पर पहुंचे और श्रमदान कर अस्थाई पुल बनाना शुरू किया।
वहीँ जिलाधिकारी ने इस को गंभीरता से लेते हुए मोटर ट्रॉली लगाने के निर्देश दिए हैं, और पुल निर्माण में तेजी लाने के लिए भी निर्देश दिए हैं।