सतीश सेठी/ ब्यूरोचीफ/सनसनी न्यूज़ /सहारनपुर श्री राम कथा पार लीला प्रसंग साध्वी सुश्री गरिमा भारती दिव्य ज्योति जागृति संस्थान सहारनपुर

सतीश सेठी/
ब्यूरोचीफ/सनसनी न्यूज़ /सहारनपुर
श्री राम कथा
पार लीला प्रसंग
साध्वी सुश्री गरिमा भारती दिव्य ज्योति जागृति संस्थान सहारनपुर
Day 6
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से सहारनपुर में सात दिवसीय श्री राम कथामृत का आयोजन किया गया। जिसमें साध्वी सुश्री गरिमा भारती जी ने कहा- प्रभु श्री राम जी जब अयोध्या की सीमा को पार कर वन के लिए जाने लगे प्रभु ने वहां की मिट्टी को उठाकर नमन किया, और अपने साथ पोटली में बांधकर ले गए। भगवान श्री राम लक्ष्मण से कहते हैं (जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि गरिससि ) लक्ष्मण मुझे जननी जन्मभूमि दोनों ही स्वर्ग से अधिक प्रिय है। प्रभु श्री राम अपनी भारत भूमि, मातृभूमि के प्रति अपने भाव को प्रकट करते हुए नजर आते हैं। भारत भूमि कोई साधारण भूमि नहीं है, यह इस भूमि की महानता है, समय समय पर जब भी महापुरुषों ने अवतार लिया तो इसी भारत भूमि पर। भारत भूमि अपनी संस्कृति सभ्यता के कारण विदेशों में भी जानी जाती है। भारतीयों के साथ साथ पाश्चात्य दार्शनिकों ने भी भारत की संस्कृति को सराहा है। आइंस्टीन ने तो यहां तक कहा कि हम भारतीयों के कर्जदार हैं जिन्होंने हमें 0 दिया जिसके आधार पर समस्त हमारी खोजें कारागार सिद्ध हो पाती है। भारत भूमि के गर्भ में अनेकों रत्न छिपे हुए हैं। भारत केवल खनिज तत्वों, संस्कृति के कारण नहीं बल्कि भारत की पहचान वीरों की वीरता के कारण भी है । विश्व की समस्त संस्कृतियों में से सबसे उत्तम संस्कृति भारत की है।
आज यह दुःख का विषय है कि हम भारतीयों में प्रभु श्री राम जी की तरह अपनी भारत भूमि से प्रेम नहीं है। हम इसे खोखला करने में लगे हुए हैं। भूमि, जल, वायु आकाश का शोषण करने में लगे हुए हैं। आज पर्यावरण सकंट, ओलावृष्टि, बाढ़, तापमान का बढ़ना, है। जलस्तर का कम हो जाना इत्यादि यदि देखें तो वास्तव में ईश्वर के द्वारा मानव को दिया गया दंड ही तो है। आज मानव अपनी भोग प्रवृत्ति के कारण यह सोचता है यह समस्त संसार एक बाजार है। लेकिन हमारी आध्यात्मिक संस्कृति हमें यह ज्ञान करवाती है कि यह पूरा संसार एक बाज़ार नहीं, मानव का परिवार है। ईश्वर ने जिस परिवार को रहने के लिए यह पृथ्वी एक घर के रूप में प्रदान की है। और प्रत्येक मानव का यह दायित्व बनता है वह अपने घर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए अपना सहयोग प्रदान करें। जल संकट पर पर्यावरण प्रदूषण से यदि हम बचना चाहते हैं तो हम सभी को अपने जीवन में अच्छी आदतों को अपनाना होगा। प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य जानकर ही हम इन को नष्ट होने से बचा सकते हैं। संस्थान के द्वारा संरक्षण नामक प्रकल्प चलाया जा रहा है। संस्थान इस प्रकल्प के माध्यम से नुक्कड़ नाटक, रैली, स्पीच के जरिए समाज को पर्यावरण संकट से उभरने के लिए जागरूक कर रहा है। कथा का प्रभु की पावन आरती से किया गया प्रभु का प्रसाद वितरण किया गया और सभी ने लंगर भंडारे का प्रसाद चखा !
मुख्य अतिथि
श्री राघव लखन पाल पूर्व सांसद
प्रवीण जी आर एस एस विभाग पंत प्रचारक
अभिषेक गुप्ता
दिव्या गुप्ता
लक्ष्य सिंगल
प्रीति सिंगल स्किल्ड स्कूल प्रधानाचार्य
रशमी टेरेंस एरोन एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी