डॉ0 रणवीर सिंह वर्मा/सनसनी सुराग न्यूज जनपद शामली
श्री राम शाखा कांधला
राजकीय पशु चिकित्सालय प्रांगण
आज श्रीराम शाखा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
सर्वप्रथम ध्वज प्रणाम के पश्चात श्री राम शाखा के मुख्य शिक्षक श्री नवनीत जी ने सभी को वार्मअप हल्का व्यायाम कराया।तत्पश्चात यश जी ने सूर्य नमस्कार, कपालभाति अनुलोम विलोम ,बटरफ्लाई, दंड बैठक, चक्रासन, पीटी , वीरभद्र आसन आदि योग और प्राणायाम कराए। इसके पश्चात मंडल कार्यवाह श्री नीरज जी ने एक देश भक्ति से ओतप्रोत एक गीत गया।👇
राष्ट्रभक्ति ले हृदय में, हो खड़ा यदि देश सारा। संकटों पर मात कर, यह राष्ट्र विजयी हो हमारा।।
क्या कभी किसी ने सुना है, सूर्य छिपता तिमिर भय से। क्या कभी सरिता रुकी है, बांध से, वन पर्वतों से। जो न रुकते मार्ग चलते, चीर कर सब संकटों को, वरण करती कीर्ति उनका, छोड़ कर सब असुर दल को। ध्येय-मंदिर के पथिक को, कण्टकों का ही सहारा।
राष्ट्रभक्ति ले हृदय में, हो खड़ा यदि देश सारा। संकटों पर मात कर, यह राष्ट्र विजयी हो हमारा।
जनपद शामली से जिला कार्यवाह श्री दिवाकर जी का बौद्धिक प्राप्त हुआ जिसमें जिला करवाह जी ने योग दिवस क्यों मानना चाहिए क्या इसके लाभ है और क्यों यह सभी के लिए जरूरी है इस विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति का इतिहास लगभग दो अब वर्ष पुराना है जिसमें निरोगी काया रखने के लिए योग प्राणायाम प्राचीन काल से हमारे ऋषि मुनियों द्वारा कराए जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि आज की युवा पीढ़ी में जिम जाकर अपने परिवार का पैसा तो खर्च कर ही रही है इसके साथ ही साथ कई गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं जिसका पता बाद में चलता है। तब तक शारीरिक बीमारियां जन्म ले लेती है इसके विपरीत योग और प्राणायाम से हमारे शरीर के अंदर उत्पन्न बीमारियां स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
योग दिवस के समापन पर फलाहार की व्यवस्था की गई।
आज के प्रोग्राम की अध्यक्षता नगर के वरिष्ठ स्वयंसेवक, व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता आदरणीय निधीश मित्तल जी ने की।
योग दिवस की व्यवस्था में विशेष सहयोगी रहे।
👉खंड संघचालक श्री रवि जी
👉खंड व्यवस्था प्रमुख श्री अभिषेक(शेखर) जी
👉जिला पर्यावरण एवम जल संयोजक श्री नवीन जी
👉खंड पर्यावरण एवम जल श्री गौरव वर्मा जी
👉खंड शारीरिक प्रमुख श्री गौरव सैनी जी
👉सह मंडल कार्यवाह श्री विजय जी
👉खंड सह बौद्धिक प्रमुख डॉ0 रणवीर सिंह
👉सह मुख शिक्षक श्री प्रतीक जी
और श्री मानवेंद्र जी